Best Hindi Poem On Life
हारती क्यों इस तरह ये ज़िन्दगी,
समझ नही आती मुझे दस्ता-ए-ज़िन्दगी,
पैरो में डाल बेढीयो को,
मंजिल की राह दिखाती ज़िन्दगी.
चलना सिखाती वक़्त के साथ ये,
और वक़्त आने पर ठोकर से गिराती ज़िन्दगी.
सजाती है प्यारा सा ख्वाब आँखों में
फिर उसी ख्वाब को खुद तोड़ जाती ज़िन्दगी.
मिलाती है खुशियों से लम्हा लम्हा,
फिर गम के पास छोड़ जाती है ज़िन्दगी.
भुला के दर्द जीना सिखाती है,
फिर याद हर कल दिलाती है ज़िन्दगी.