Broken Heart Shayari On Love
कैसे कहें के तेरे तलबगार हम नहीं ,
सींचा था जिस को ख़ूने तमन्ना से रात दिन
गुलशन में उस बहार के हक़दार हम नहीं ,
हमने तो अपने नक़्शे क़दम भी मिटा दिए
लो अब तुम्हारी राह में दीवार हम नही..!!
Broken Heart Shayari On Love
सींचा था जिस को ख़ूने तमन्ना से रात दिन
गुलशन में उस बहार के हक़दार हम नहीं ,
हमने तो अपने नक़्शे क़दम भी मिटा दिए
लो अब तुम्हारी राह में दीवार हम नही..!!